दिल्ली के हरी नगर में 1 अगस्त को एक ईमारत की बेसमेंट में दीवार गिरने और मिटटी धसने के कारन 4 मजदूरो मौत गई थी लेकिन घटना के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया दरिया गंज अंसारी रोड पर दयानंद मार्ग पर प्रॉपर्टी नंबर 82 में अवैध रूप से बेसमेंट बनाया जा रहा है जिसकी वजह से बराबर वाली बिल्डिंग में दरारे पड़ गई है लेकिन स्थानीय लोगो की शिकायत के बावजूद कोई भी कार्यवाई नहीं की गई है , जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
राजधानी दिल्ली के दरियागंज इलाके के दयानंद मार्ग पर बन रही ये वही अवैध निर्माण है जिसमे अवैध रूप से बेसमेंट खोदी जा रही है जिसके कारण इसके साथ वाली इमारत में दरारे आ गयी है । इस बेसमेंट की खुदाइ से हुई क्षति और उसे क्षतिग्रत बिल्डिंग के दुकानदार ने इसकी शिकायत नार्थ दिल्ली म्युनिसिपल कार्पोरेशन और स्थानीय पुलिस से की। लेकिन न तो नार्थ डी एम सी और न ही स्थानीय पुलिस ने इस बन रहे इस अवैध निर्माण पर कानून के तहत कोई कार्यवाही की उल्टा मामले को रफादफा कर दिया। ये इस बात का प्रमाण है की पुलिस बिल्डर के साथ किस कदर मिली हुई है की बिल्डर के हौसले कितने बुलंद है की वो किसी की भी जान के साथ खिलवाड़ करे, पुलिस केवल मूक दर्शक बनी रहेगी।
जब मीडिया इस मामले को लेकर मौके पर पहुंची तो वह मौजूद बिल्डिंग के मालिक और ठेकेदार ने बदमाशो को बुलाकर न केवल मीडिया को बन रहे इस अवैध निर्माण को कवर करने से रोका बल्कि वहां मौजूद मीडियकर्मियो से मारपीट कर उसके कैमरा और माइक आईडी भी छीन ली….. लेकिन उनकी ये सारी हरकते अन्य कैमरे में कैद हो गयी.… इस मारपीट में मीडियाकर्मी बुरी तरह घायल भी हो गए।
इस मामले में पीड़ित पत्रकार संदीप चौहान ने हमें बताया की इस अवैध निर्माण के साथ के एक दुकानदार ने मीडिया को बुलाया था और बताया की सम्बंधित विभाग में शिकायत के बावजूद बिल्डर पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही तो हम यहाँ पर बन रही इस अवैध निर्माण को कवर करने व् दुकानदार की बाईट लेने आये थे तो तभी बिल्डर और उसके अन्य साथी 15 से 20 बदमाशो के साथ मौके पर आ गए और आते ही गाली गलौच करते हुए बुरी तरह से मारपीट करने लगे और इसके बाद बिल्डर और बदमाशों ने हमारे कैमरे व् न्यूज़ चैनल की आई डी भी छीन ली और वही बन रहे अवैध निर्माण में बंद कर दिया, हमारे एक अन्य मीडियाकर्मी द्वारा वही से पुलिस को 100 नम्बर पर सूचना दिए जाने पर मौके पर थाना दरिया गंज की पुलिस आई। लेकिन पुलिस ने तो बिल्डर और न भी मकान मालिक के विरुद्ध कोई क़ानूनी कार्यवाही की उल्टा मीडियाकर्मी को ही समझौता करने के लिए दवाब बनाया। ये पुलिस की बिल्डर के प्रति सहानुभूति कहे या बिल्डर का पक्ष ? ये पुलिस की कार्य प्रणाली पर एक बड़ा सवाल है ?
दरियागंज के अंसारी रोड पर कई इमारतों में इसी तरह के अवैध बेसमेंट और अवैध बोरिंग खुलेआम हो रही है। जो की वाटर बोरिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस तरह के अवैध कामो को देखते हुए भी प्रशासन, नगर निगम व् पुलिस आँखे मूंदे बैठा है। अवैध निर्माण के कई बड़े हादसे होने के बाद भी लगता है प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतज़ार है…..