दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत में कछुए की चाल से चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर कई सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि देश में वैक्सीन तो नहीं है लेकिन केंद्र सरकार और भाजपा अखबारों में वैक्सीन को लेकर बड़े-बड़े विज्ञापन छपवा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र दिल्ली को नियमित वैक्सीन की आपूर्ति नहीं कर पा रही लेकिन केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के अधिकारियों को टूलकिट भेज उनपर ‘धन्यवाद मोदीजी’ का विज्ञापन छपवाने के लिए धमकियां देते हुए दबाव बनाया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे के अखबारों में केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्य सरकारों ने मोदी जी को धन्यवाद करते हुए 4-4 पेज का विज्ञापन दिया है। मोदी जी जनता को वैक्सीन चाहिए विज्ञापन नहीं। यदि जो पैसा विज्ञापन पर खर्च किया गया उसे वैक्सीन पर खर्च किया जाता तो जनता के लिए विदेशों से भी वैक्सीन खरीदी जा सकती थी। उपमुख्यमंत्री ने आगे बताया कि इस विज्ञापन को छापने के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर टूलकिट भेजकर दबाव बना रही है उन्हें धमका रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को शर्म आनी चाहिए कि एक तो जनता को वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा पा रही है ऊपर से अधिकारियों पर विज्ञापन के लिए दबाव बना रही है। उपमुख्यमंत्री ने मोदी जी से अपील करते हुए कहा कि यदि 2 महीने के भीतर केंद्र सरकार दिल्ली के हिस्से का 2.30 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध करवा देती है तो दिल्ली सरकार का वादा है कि पूरी दिल्ली में धन्यवाद मोदीजी के विज्ञापन लगा देंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री जिस वैक्सीन कार्यक्रम को विश्व के सबसे बड़े फ्री वैक्सीन कार्यक्रम का दर्जा दे रहे है वो बड़ा हो न हो विश्व का सबसे लंबा और सबसे अव्यवस्थित वैक्सीन कार्यक्रम ज़रूर बन चुका है। और केंद्र सरकार के इस अव्यवस्था से भारत के वैक्सीन कार्यक्रम का बंटाधार हो चुका है। उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि दिल्ली को 2.94 करोड़ वैक्सीन की ज़रूरत थी लेकिन दिल्ली को अबतक सिर्फ 57 लाख वैक्सीन दी है। जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा खरीदी गई वैक्सीन भी शामिल है। श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को अभी 2.30 करोड़ वैक्सीन की ज़रूरत है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली को केंद्र सरकार वैक्सीन उपलब्ध करवा दे तो 3 महीने के भीतर पूरी दिल्ली को वैक्सीन लगाई जा सकती है। लेकिन केंद्र सरकार जुलाई के महीने में केवल 15 लाख वैक्सीन ही दे रही है, ऐसा ही चलता रहा तो पूरी दिल्ली का वैक्सीनेशन करने में 15-16 महीने लग जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने बताया की दिल्ली में 18-44 आयुवर्ग के 92 लाख लोग और 45+ आयुवर्ग के 57 लाख लोग है। जिनके लिए 2.94 करोड़ वैक्सीन डोज़ की जरूरत है। लेकिन केंद्र सरकार ने जनवरी से अबतक केवल दिल्ली को केवल 57 लाख वैक्सीन दिया है। जनवरी में 45+ के लिए दिल्ली को 7.13 लाख वैक्सीन मिली। फरवरी में 45+ के लिए 7.39 लाख।
मार्च में 45+ के लिए 7.22 लाख।
अप्रैल में 45+ के लिए 18 लाख वैक्सीन मिली साथ ही दिल्ली सरकार ने 18-44 आयुवर्ग के लिए 4 लाख वैक्सीन खरीदी। मई में 45+ के लिए 9.56 लाख वैक्सीन मिली और सरकार ने 18-44 आयुवर्ग के लिए 3.67 वैक्सीन खरीदी। जून में केंद्र ने 45+ के लिए 8.21 लाख वैक्सीन दी और दिल्ली सरकार ने 18-44 आयुवर्ग के लिए 6.20 लाख वैक्सीन खरीदी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में अभी वैक्सीन संकट है और वैक्सीन की कमी है क्योंकि केंद्र सरकार ने पहले इमेज मैनेजमेंट करने के लिए वैक्सीन बाहर भेज दी उसके बाद राज्यों को बोला कि ग्लोबल टेंडर कर लो और अब अचानक बोल रही है कि केंद्र सरकार सबको 21 जून से फ्री वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली को 21 जून के बाद जून में सरकार की ओर से कोई वैक्सीन नहीं मिलने वाली है साथ ही जुलाई में दिल्ली को केवल 15 लाख वैक्सीन ही दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन कोरोना का सबसे सटीक इलाज़ है। विदेशों में कई देशों ने अपने लोगों को प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाई और आज गर्व के साथ खुद को मास्क फ्री घोषित किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को विदेशों से नसीहत लेनी चाहिए कि यदि केंद्रीय नेतृत्व चाहे तो पूरी जनता को वैक्सीन लगाकर उन्हें कोरोना के संकट से बचा सकती है और देश को मास्क फ्री कर सकती है।