नई दिल्ली। कभी समय था जब दिल्ली का पहाड़ गंज में भी पार्क हुआ करते थे , बच्चे गलियों में खेला करते थे , लेकिन आज वही पहाड़ गंज का जो हाल स्थानीय नेताओ ने भ्रष्ट अधिकारियो के साथ मिलकर किया है देखकर प्रदुषण के कारण भी आखों में आँसू आ जाते है। ये हम नहीं कहते ये कहना है पहाड़ गंज की ही आम जनता का ।
जब हमारे संवाददाता ने पहाड़ गंज की चूना मंडी का हाल जानना चाहा तो वही के स्थानीय निवासी व् RWA अध्यक्ष कपिल सैनी ने हमें बताया की यहाँ का जो हाल अब हो चूका है वो बयाँ करना भी मुश्किल है। ये सारा इलाका पूरी तरह से रिहाइशी है लेकिन कुछ मुट्टीभर भ्रष्टाचारियो की मिलीभगत से यहाँ अब हर गली में / गली के बाहर सड़को पर भी प्लास्टिक लेज़र कटिंग की मशीनें सुबह से लेकर देर रात तक चलती रहती है जिससे इलाके में काफी प्रदूषण फैलता जा रहा है। हालत ये है की यहाँ अब तेजी से बीमारियां भी फैलती जा रही है और अगर यही हाल रहा तो वो दिन भी दूर नहीं जब यहाँ का हर दूसरा निवासी कैंसर , टीबी और अस्थमा जैसी बीमारी से ग्रस्त होगा। और तो और यहाँ रिहाइशी इलाके लगभग हर गली के निचले व् ऊपरी तल पर भी अवैध रूप से फ्लक्स प्रिंटिंग और सिलिकॉन का काम रात और दिन चलता रहता है। ये सिलिकॉन वह आइटम है जो प्लास्टिक के जॉइंट्स को फील करने का काम करती है , अगर आप इस क्षेत्र से निकल भी रहे हो तो इस सिलिकॉन की स्मेल इतनी गन्दी होती है की आप सांस भी ठीक से नहीं ले सकते , ऐसे में सोचो की यहाँ पर रह रहे बच्चो व् बुजुर्गो का किया हाल होता होगा। इस माहौल में कैसे वो जीते होंगे?
इस मामले में चूना मंडी RWA अध्यक्ष कपिल सैनी ने हमारे संवाददाता को बताया की हमने यहाँ पर चल रही इन सभी अवैध गतिविधियों की शिकायत सभी सम्बंधित विभागों व् स्थानीय पुलिस व् पहाड़ गंज की निगम पार्षद बबिता भारीजा को भी कई बार की लेकिन स्थानीय पुलिस और एम् सी डी के अधिकारियो के साथ साठ गाँठ होने के कारण आज तक यहाँ चल रही इन अवैध गतिविधियों पर कानून के तहत कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है ? ये भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत आपके सामने है ?
यहाँ के हाल के बारे में चूना मंडी में ही रह रहे सुरेंद्र भाटिया जो की पहाड़ गंज की निगम पार्षद बबिता भारीजा की ही गली में ही रहते है उन्होंने भी हमारे संवाददाता को बताया की यहाँ का हाल लोडिंग गाड़ियों व् अवैध पार्किंग की वजह से इतना बुरा है अगर यहाँ पर किसी भी बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए अगर एम्बुलेंस बुलाई जाये तो यहाँ पर एम्बुलेंस का आना और मरीज को ले जाना न मुमकिन ही है वजह यहाँ पर हर गली व् गलियों व् सड़को पर खास कर जो गली नम्बर 6 जो की राजगुरु रोड को चित्र गुप्ता रोड से जोड़ती है उस गली में भी बाहरी वाहनों की अवैध पार्किंग होती है साथ ही अवैध रूप से कमर्शियल वाहनों की भी लोडिंग अनलोडिंग दिन के अलावा देर रात तक होती रहती है। ऐसे में बीमार मरीज की जान बचाना भी मुश्किल है ? तो ऐसे में जिम्मेदार कौन ? क्या प्रशासन ऐसे ही किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है ? वही अगर बात करे अवैध निर्माण की तो एम् सी डी व् स्थानीय पुलिस व् निगम पार्षद की मदद से ही लगभग हर गली में ही अवैध निर्माण चल रहा है और इन अवैध निर्माणों में भू-तल में भी अवैध दुकानें बनाई जा रही है और उन दुकानों में ही ये अवैध कारखाने बड़ी तेजी से चल रहे है, वो भी बिना किसी सरकारी इजाजत के ? ऐसे में फिर वही सवाल जिम्मेदार कौन ? क्या ऐसे ही मोदी सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनेगा ? क्या मोदी जी इन सवालो का जवाब देंगे ? मोदी जी जनता आपसे भी जवाब मांगती है ? जनहित में जनता को जवाब चाहिए ?
वही पहाड़ गंज की आम जनता का ये तक कहना है की क्या प्रशासन ये चाहता है की क्या हम लोग पहाड़ गंज छोड़ कर चले जाये जिससे स्थानीय पुलिस , एम् सी डी व् अन्य सिविक बॉडी को यहाँ चल रही इन अवैध गतिविधियों से जायदा से जायदा अवैध वसूली हो सके ? आखिर क्यों इन अवैध गतिविधियों को संगरक्षण दिया जा रहा है ? आखिर क्यों यहाँ रह रहे आम आदमी को जीने नहीं दिया जा रहा है ? आखिर क्यों आम आदमी की सुनवाई नहीं की जा रही है ? प्रशासन जवाब दे ?
वही स्थानीय लोगो का कहना है की चूना मंडी में रिहाइशी इलाकों में भी अवैध रूप से प्लास्टिक के सैकड़ो फैक्ट्रिया व् दुकाने कानून को ठेंगा दिखते हुए निगम पार्षद के ही घर के आस पास उन्ही की छत्रछाया में चल रही है जबकि मास्टर प्लान 2021 के अनुसार रिहाइशी इलाकों में इस तरह की गतिविधिया पूर्णतः प्रतिबंधित है और ऐसे काम ना हो इसकी जिम्मेदारी भी एम् सी डी को ही दी गयी है और एम् सी डी में क्षेत्र की प्रतिनिधि निगम पार्षद ही है तो ऐसे में जिम्मेदारी किसकी ? मतलब साफ़ है अगर ये प्रतिबंधित फैक्ट्रिया चल रही है तो उन्हें निगम पार्षद का ही संगरक्षण मिला हुआ है ? नहीं तो अब तक इन पर कार्यवाही क्यों नहीं ? क्यों नहीं इन्हे बंद किया जा रहा है , क्यों इन्हे रिहाइशी इलाकों से हटाया नहीं जा रहा है ? जनता जो जवाब चाहिए ?