नबी करीम थाने के पीछे महज़ 50 कदम की दूरी पर अनवर नाम के व्यापारी को अज्ञात लोगों ने मारी गोली। अनवर के पैर में लगी गोली 4 साल पहले बिल्डर था अनवर ,अब परचून की दुकान खोली हुई थी , गोली मारने वाले हमलावर फरार। अब तो नबी करीम पहाड़ गंज में घर से निकलने में लगता है डर ? इलाके में पुलिस नज़र आती ही नही ? जी हां हम बात कर रहे है दिल्ली के मध्य बसा पहाड़ गंज का नबी करीम , जहाँ आये दिन कोई ना कोई वारदात होती ही रहती है। बीते दिनों भी इसी थाना क्षेत्र में सट्टेबाजों में आपसी रंजिश के चलते चाकूबाजी हुई थी, वही पहाड़ गंज आर के आश्रम मेट्रो स्टेशन के पास के भरे बाजार में आपसी चाकूबाजी में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी और अब नबी करीम थाने से कुछ ही दूरी पर अनवर नाम का एक व्यापारी जो कि परचून की दुकान चलाता है उसे 31 मार्च की सुबह सात -साढ़े सात बजे कुछ अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार दी जाती है और हमलावर गोली मारकर फरार हो जाते हैं। गनीमत ये रही कि अनवर के गोली पैर में लगी, नही तो उसकी जान भी जा सकती थी।घायल अनवर को पास ही के लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया है जहाँ उसका इलाज चल रहा है। इस मामले में पुलिस फिलहाल तफ्तीश कर रही है और सीसीटीवी कैमरों की मदद से हमलावरों की तलाश कर रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि इलाके में आखिर अपराधी इतने बेखौफ क्यो है। आखिर क्यों इन अपराधियो को पुलिस का खौफ नही है। स्थानीय लोगो के अनुसार आज इलाके में हालात इस कदर बिगड़ चुके है कि उन्हें अब अपने घर से भी निकलने में डर लगता है। ऐसे में पुलिस कहा है। वही स्थानीय लोगों का कहना ही कि नव नियुक्त एसीपी ,सब डिवीजन है कि क्षेत्र तो क्या कभी अपने ऑफिस में भी नज़र नही आते ? आखिर थाना नबी करीम में बरसों से जमे बैठे पुलिस अधिकारी व अन्य पुकिसकर्मियो के तबादले अब तक क्यो नही। बीते दिनों भी लिखित शिकायत पर कुछ भ्रष्ट पुकिसकर्मियो के तबादले किये गए थे, जो बरसो से इसी थाने में जमे बैठे थे। स्थानिए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि जाएदा समय तक पुलिसकर्मियों के एक ही थाने में जमे रहने पर सट्टेबाज़ों, स्पा, मसाज सेंट्रो, अवैध शराब बेचने वालों से साठगांठ होना भी अपराधियो के हौसले बुलंद होना है। जो इन्हें अपनी कर्तव्यपूर्ण ड्यूटी सही से नही करने देता। अगर इन अपराधों पर रोक लग जाये और सख्त कानूनी कार्यवाही अपराधियों पर की जाए तो क्षेत्र में ना तो अपराध पनपेगा ना ही अपराधियो के हौसले बुलंद होंगे। अगर पुलिस चाहे तो कानून व्यवस्था चरमरा ही नही सकती। फिलहाल ये जाँच का विषय है । मणि आर्य ,क्राइम हिलोरे न्यूज़, दिल्ली ।
