जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने दिल्ली पुलिस और नगर निगम को कहा है कि रैन बसेरे बंद किये जाएँ। उनका कहना है कि इनमें ज़रूरतमंद लोगों की बजाय अपराधियों को आश्रय मिल रहा है।
ऐतिहासिक जामा मस्जिद के आस-पास सारे अपराध हो रहे हैं, रैन बसेरों में जिस्म फरोशी हो रही है, प्रशासन और पुलिस ध्यान नहीं दे रहे। जामा मस्जिद के आस-पास चरस,गाँजा, कोकेन जैसे नशीले पदार्थ बिक रहे हैं। साथ ही एनक्रोचमेंट से इलाके का बुरा हाल है।
तारिक़ बुखारी, प्रवक्ता, जामा मस्जिद ने हमें बताया की सिर्फ रैन बसेरों का मसला नहीं है, मीना बाजार में स्मैक, चरस गाँजा के अलावा अवैध हथियार भी बिक रहे हैं। खुले आसमान के नीचे जिस्म फरोशी हो रही है। यहाँ के कई होटलों में भी जिस्म फरोशी हो रही है। एनक्रोचमेंट इतना है कि निकलना मुश्किल है। लेकिन कार्यवाही नहीं।
शाही इमाम ने जब जुमे की नमाज़ में पुलिस और प्रशासन को रैन बसेरे बन्द करने की बात कही तो पुलिस मुस्तैद हो गई। इसलिए इलाके की हालत कुछ बेहतर है। इलाके के लोग और व्यापारी भी खुश हैं की शाही इमाम ने इस मामले में पहल की।
शाहबुद्दीन, स्थानीय निवासी का कहना था की रैन बसेरों में कहीं से भी क्रिमिनल लोग आकर पनाह लेते हैं, सारे गलत काम होते हैं, चरस स्मैक का धंधा होता है। सब पुलिस की आड़ में है, कोई शरीफ आदमी बोल नहीं सकता। इमाम साहब का ये क़दम इलाके की सफाई के लिए अच्छा है।
चौधरी हनीफ, महासचिव, मीना बाज़ार व्यापारी संघ का कहना था की बहुत परेशानी थी, शाही इमाम के एलान के बाद से चैन हुआ है, इमाम साहब नहीं आते तो ये नहीं होता, ये नाइट शेलटर यहां से बंद होने चाहिए। और खोलने का प्रस्ताव था लेकिन रोक दिया गया।
जो लोग दिन रात रैन बसेरों के आस-पास ही रहते हैं, उनका भी मानना है कि यहाँ अपराधिक गतिविधियाँ चल रही हैं।
इक़बाल, रैन बसेरे के पास रहने वाले एक निवासी का कहना था की यहाँ क्रिमिनल ज़्यादा होते हैं, चरस वगैरह बिकती है, कॉल गर्ल्स का पता नहीं, पुलिस आती है तो भाग जाते हैं, फिर आ जाते हैं।
शाही इमाम ने पुलिस के आला अधिकारीयों से बात की है कि इन रैन बसेरों को जल्द से जल्द हटाया जाए। अब अगर कुछ कार्रवाई हो तो ही आगे हालत सुधर पाएगी, नहीं तो रात गई बात गई वाली कहानी न हो जाए।
फरीद अली,