विशेष संवाददाता, नई दिल्ली :हैड कांस्टेबल पप्पू लाल मीणा, थाना नबी करीम, मध्य जिला में अवैध गतिविधियों को संगरक्षण दे रहे है,खासकर सट्टा व अवैध शराब , सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भू माफियाओं को ? एक साल पहले प्रसाद नगर थाने का ट्रांसफर आ चुका है ? लेकिन अपनी सेटिंग के चलते थाना नबी करीम में ही जमे बैठे है ?साथ ही सिटी एस पी जोन, राम नगर वार्ड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के JE, AE ने भी अब तक नही की DMC एक्ट के तहत कोई कानूनी कार्यवाही, जिनके जिम्मे अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है वही बिल्डरों को संगरक्षण दे रहे है? स्थानीय लोगो से मिली जानकारी के अनुसार ताज़ा मामला भी 9435 गली नंबर 10 मुल्तानी ढांडा, नबी करीम पहाड़ गंज नई दिल्ली का है जहाँ दो गलियों का आने जाने का रास्ता बंद कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर खुलेआम अवैध निर्माण किया जा रहा है। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार एक विधवा महिला का इस मकान पर हक है लेकिन बिल्डर ने फर्जी कागज़ात बनाकर ये पुराना मकान हथिया लिया और बिना किसी नक्शे के अवैध निर्माण शुरू कर दिया। महिला और उसकी बेटी कई बार थाना नबी करीम के चक्कर काट चुकी है लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त स्थानीय पुलिस और सिटी एस पी जोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जे ई और ए ई को विधवा महिला के आँसू नज़र नही आए और बिल्डर के अवैध निर्माण को अपना पूरा संगरक्षण देते नजर आए। जबकि उपरोक्त मामला माननीय कोर्ट में भी विचाराधीन है। बता दे कि जहाँ एक दिल्ली में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकारी जमीन से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं ,वही नबी करीम पहाड़ गंज में ,थाना नबी करीम पुलिस और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ,सिटी एस पी ज़ोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए भू माफिया के साथ मिलकर खुलेआम सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे करा रहे हैं । यही नही सरेआम एन जी टी के आदेशों की बाजी धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।अवैध निर्माण का ये खेल केवल इसी भवन तक सीमित नही है ये हाल पूरे नबी करीम पहाड़ गंज का है फिर चाहे तेल मिल गली, नबी करीम ,चिंनोट बस्ती ,कुर्सी मार्किट, अमर पूरी , किले का इलाका हो या आस पास के अन्य क्षेत्र हो ? भू माफिया बेखौफ 5-5 मंजिला ऊँची इमारतें बना रहे हैं वो भी सस्ता बिल्डिंग मेटीरियल लगाकर लोगो की जान से खिलवाड़ करते हुए , वो भी ऐसी तंग गलियों में जहाँ अग्निशमन विभाग की गाड़ियां पहुँच ही नही सकती ? अगर ऐसे में कोई बड़ा हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा ? फिलहाल ये जाँच का विषय है और देखना ये है दोषी पुलिसकर्मियों और बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों पर कोई विभागीय कार्यवाही होती भी है या नही ? आने वाला समय बताएगा।
