नीतीश कुमार रविवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के राजेंद्र मंडप में आयोजित है। यह चौथा मौका होगा जब वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। संभावना जताई जा रही है कि अभी वह अपना छोटा ही कैबिनेट रखेंगे। उनके साथ पार्टी के कुछ ही नेताओं के मंत्री पद की शपथ लेने की चर्चा है। सहयोगी दलों को भी सरकार में शामिल होने का आफर है। शपथ ग्रहण समारोह में दो राज्यों के मुख्यमंत्री और अनेक बड़े नेता शामिल होंगे।
शुक्रवार को सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहली ही मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे के बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने कहा। सरकार के गठन और इसके स्वरूप पर विमर्श के लिए नीतीश कुमार ने अपने आवास पर शनिवार को जदयू एवं सभी सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक बुलाई। जदयू की ओर से सहयोगी दलों को सरकार में शामिल होने का आफर दिया गया। यह भी चर्चा हुई कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव इस संबंध में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से बात करें।
लोकसभा में जदयू की करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पिछले साल 16 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अपनी जगह उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया। परन्तु 7 फरवरी को पार्टी ने नीतीश कुमार को फिर से विधायक दल का नेता चुन लिया। 8 फरवरी को नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिल अपना दावा पेश किया। 20 फरवरी को मांझी को राज्यपाल की ओर से बहुमत सिद्ध करने कहा गया था, परन्तु उन्होंने विश्वास मत से पहले ही इस्तीफा दे दिया। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर को लेकर मुख्य सचिव ने शनिवार को कैबिनेट सचिव के साथ औपचारिक बैठक भी की।