बिहार के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल में करीब चार लाख शिक्षक भाग ले रहे हैं। वे सरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य का पूरी तरह विरोध करेंगे। बुद्ध पूर्णिमा की छुट्टी के कारण सोमवार को सूबे के स्कूलों में हड़ताल का असर नहीं दिखा, लेकिन बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार सुबह से हड़ताल का आगाज कर दिया है। नियोजित शिक्षकों के समर्थन में शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। इधर, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ भी 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। विभिन्न संगठनों भी पहले से आंदोलन कर रहे हैं। हड़ताल व प्रदर्शनों के इस दौर में सूबे के सरकारी स्कूल के करीब ढाई करोड़ बच्चे अब पूरी तरह पठन-पाठन से दूर हो गए हैं। कक्षा एक से 12 तक सभी तरह का अध्यापन कार्य पूरी तरह ठप है। बच्चे घर पर रहने पर मजबूर हैं।
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव महेंद्र प्रसाद शाही ने कहा कि सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की मांगों को नजरअंदाज किया है। हमलोगों ने भी नियोजित शिक्षकों के पक्ष में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। हड़ताल के कारण प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां ठप हो जाएंगी। इसके अलावा मध्याह्न भोजन योजना पर भी संकट आने की आशंका है। सरकार नियोजित शिक्षकों से वार्ता कर मामले का समाधान करने का प्रयास करे।
