देश विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं। जब संकल्पों के लिये दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है, तो वो संकल्प, सिद्ध भी होते हैं। हाल ही में निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने का रिकॉर्ड हो या फिर छोटे दुकानदारों के लिए तकनीक से लैस सरकारी मंच, या फिर बात जल संरक्षण की हो या फिर स्वच्छता-स्वास्थ्य की या दुनिया में भारत के आयुष का बढ़ता प्रभाव। यही है नया भारत जो यह दर्शाता है जब किसी के संकल्प, उसके प्रयास, उसके सपनों से भी बड़े हो जाते हैं तो सफलता उसके पास खुद चलकर आती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इन्हीं महत्वपूर्ण बिंदुओं पर साझा किए अपने विचार:
जल संरक्षण: हमें पानी की रीसाइक्लिंग, चेक डैम के निर्माण, वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण के लिए व्यक्तिगत प्रयासों पर समान रूप से जोर देते रहना है। मुपट्टम श्री नारायण गर्मी के दौरान पशु-पक्षियों के पानी के लिए मिट्टी के बर्तन बांट रहे हैं। अरुण कृष्णमूर्ति अपने क्षेत्र के तालाबों और झीलों को साफ करने का अभियान चला रहे हैं। रोहन काले महाराष्ट्र में सीढ़ी वाले पुराने कुओं के संरक्षण की मुहिम चला रहे हैं। ओडिशा के पुरी के राहुल महाराणा हर रविवार को सुबह-सुबह पुरी में तीर्थ स्थलों के पास से प्लास्टिक कचरा साफ करते हैं।
आयुष: आयुष का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और आज आयुष मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच रही है। स्टार्ट-अप की दुनिया में कपिवा, निरोग-स्ट्रीट और आत्रेय इनोवेशन जैसे आयुष स्टार्टअप अपनी पहचान बना रहे हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 7 अप्रैल को हम विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाएंगे। पिछले ही सप्ताह कतर में आयोजित एक योग कार्यक्रम में 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया।
निर्यात का रिकॉर्ड: भारत ने पिछले सप्ताह 400 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है। यह भारत के सामर्थ्य और आत्मनिर्भर भारत के हमारे प्रयासों के सफल परिणाम को दर्शाता है। अब, आपको लद्धाख की विश्व प्रसिद्द एप्रिकोटदुबई में भी मिलेगी और सउदी अरब में, तमिलनाडु से भेजे गए केले मिलेंगे। अब सबसे बड़ी बात ये कि नए-नए प्रोडक्ट, नए-नए देशों को भेजे जा रहे हैं। जैसे हिमाचल, उत्तराखण्ड में पैदा हुए मिलेट्स यानी मोटे अनाज की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की गयी।
छोटा कारोबार और जेम: जेम पोर्टल ने न केवल सरकार की खरीद प्रक्रिया को ट्रांसफॉर्म किया है, बल्कि इसने पूरे देश में खरीददारों और विक्रेताओं को भी सशक्त बनाया है। जेम की एक और उपलब्धि यह है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के सामानों की खरीद इसके जरिए हुई है।
स्वच्छता: बच्चों ने हमारे स्वच्छता अभियान को सफल बनाया। हमें पानी की रीसाइक्लिंग पर ध्यान देना चाहिए। आइए वाटर वॉरियर्स बनने का संकल्प लें।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत: गुजरात के पोरबंदर में लगने वाला माधवपुर मेला एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बहुत सुंदर मिसाल है। यह पौराणिक लोककथाओं में पूर्वी और पश्चिम भारत के बीच गहरा नाता दिखाता है। भगवान कृष्ण का विवाह पूर्वोत्तर की रानी रुक्मणी से पोरबंदर में हुआ था।
कन्या शिक्षा: महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने स्कूल खोलकर महिलाओं को शिक्षित और समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बेटियों की पढ़ाई के लिए उन्हें दोबारा स्कूल लाने व पढ़ाई शुरू करने पर फोकस किया जा रहा है।
पद्म सम्मान:पद्म सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा। मैंने देखा, पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया।