दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने 30 जुलाई को राज निवास में सभी राजस्व उपायुक्तों के साथ पाक्षिक बैठक की। इस बैठक में मंडलायुक्त, सभी जिलों के उपायुक्त तथा उपराज्यपाल सचिवालय के
अधिकारी भी उपस्थित थे। पाक्षिक बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त उपराज्यपाल महोदय को अपने जिलों में किए जा रहे कार्यों जैसे- बिजली और पानी, ढलावों की सफाई, नालों से गाद निकालना, अनाधिकृत कब्जे को हटाना, अस्पताल, डिस्पेंसरी, स्कूल, उचित दर की दुकानें, रैन बसेरे तथा अन्य अनेक क्षेत्रों के संबंध में अवगत कराते हैं।
30 जुलाई को हुई बैठक में निम्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा और उनके समाधान हेतु कदम उठाने पर जोर दिया गया।
रैने बसेरों की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि रैन बसेरों में बेघर महिलाएं या तो रहती नहीं हैं या बहुत कम रहती हैं। इस संबंध में उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को निर्देश दिए कि वह सर्दियों के शुरू होने से पहले बेघर महिलाओं के रहने के लिए अलग से रैन बसेरों की व्यवस्था करें जिसमें सुरक्षा और संरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने सभी उपायुक्तों को भी निर्देश दिए कि वह अपने जिलों में सर्वेक्षण कर ऐसी जगहों की पहचान करें जहां महिलाओं के लिए अलग से रैन बसेरे बनाए जा सके। साथ ही महिलाओं के लिए बनाए जाने वाले रैन बसेरे पुरुषो द्वारा प्रयोग किए जाने वाले रैन बसेरों से अलग होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्थापित रैन बसेरों में सुरक्षा और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
ग्राम सभा व अन्य सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर स्वास्थय और शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर उस पर स्कूल और औषधालय बनाए जाए। दक्षिण-पश्चिम जिले में 15 ऐसी जगहों को चिह्न्ति किया गया है जहां पर किराये की जगह पर औषधालय चलाए जा रहे हैं। जिनको नई जगहों पर स्थानांतरित किया जा सके। इसके अतिरिक्त योजनानुसार सभी उपायुक्तों को अपने जिलों में नये बालिका विद्यालय बनाने के लिए भी जगह तलाशने को कहा गया है। उत्तरी जिले के पांच गांव में उपलब्ध भूमि पर खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए खेल परिसर बनाए जाए।
उपायुक्तों को अस्पतालों के निरीक्षण के संबंध में निर्देश दिए गए कि इस ओर बहुआयामी समाधान की जरूरत है। जैसे जिन क्षेत्रों में मां और बच्चा स्वास्थ्य केन्द्र दूरी पर बने हुए हैं वहां एम्बुलेंस नेटवर्क की बेहतर व्यवस्था की जरूरत है। रेड क्रास और रक्त संग्रह केन्द्रों के साथ बेहतर तालमेल कर रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कराना। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर अस्पतालों में कर्मचारियों की तैनाती, उपकरणों की उपलब्धता एवं साफ-सफाई आदि सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
उपायुक्तों द्वारा स्कूलों के निरीक्षण के बाद शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर स्कूलों में ”िाक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती तथा स्कूलों की साफ-सफाई तथा देखरेख और समुचित मात्रा में स्वच्छ पानी की उपलब्धता को सुनि”िचत करने के निर्देश भी दिए गए।
उपायुक्तों द्वारा अपने क्षेत्रों में महिलाओं के लिए सुरक्षित और असुरक्षित स्थानों की पहचान के बारे में जानकारी देने के बाद उपराज्यपाल ने निर्देश दिए कि असुरक्षित स्थानों पर समुचित प्रकाश की व्यवस्था के लिए स्ट्रीट लाईट परविशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उपायुक्तों द्वारा अपने क्षेत्र में ऐसे स्थानों की पहचान की जाए जहां पर पानी के ए.टी.एम लगाए जाने जरूरी है।
बैठक में नगर निगमों द्वारा नियमित रूप से उनके क्षेत्रों में ढलाव की साफ-सफाई पर विस्तृत चर्चा की गई विशेष कर वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र पर ध्यानाकर्षण किया गया। उपराज्यपाल ने कहा कि नगर निगमों का प्राथमिक कार्य साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखना है और वह अपने इस कार्य को पूरी ईमानदारी से करें।
मानसून के मद्देनजर सभी उपायुक्तों को अपने क्षेत्र में कमजोर एवं खतरनाक भवनों की पहचान करने के निर्देश भी दिए गए जिनसे जानमाल की हानि होने की संभावना है।
बैठक की समाप्ति उपराज्यपाल द्वारा सभी उपायुक्तों द्वारा अपने क्षेत्रों में किए गए निरीक्षण और कार्यों की प्रशसा के साथ हुई। उपराज्यपाल ने मंडलायुक्त को निर्देश दिए कि वह उपरोक्त सभी विषयों पर संबंधित विभागों के साथ बेहतर तालमेल कर किए गए कार्यों की एक रिर्पोट अगले दो हफ्ते में उपराज्यपाल को दें। जिसको उपराज्यपाल दो हफ्ते के बाद बैठक में समीक्षार्थ देखेंगे।