कोर्ट के आदेश पर मैन बाज़ार पहाड़ गंज में अवैध निर्माण पर जमकर चले उत्तरी दिल्ली नगर निगम, एस पी जोन के हथौड़े, मुल्तानी ढांडा नबी करीम में अब भी हो रहा है जमकर अवैध निर्माण, उत्तरी नगर निगम, एस पी जोन बिल्डरों के ठेंगे पर।
जी हा हम बात कर रहे है उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदर पहाड़ गंज ज़ोन की, जहाँ बिल्डिंग डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार अपनी चरमसीमा पर है। जहाँ बिल्डिंग डिपार्टमेंट अवैध निर्माण पर अपनी मर्जी के हिसाब से कार्यवाही करता है।
इस बात का जीता जागता उद्धाहरण आप देख सकते है इन चित्रों के माध्यम से की किस तरह से सभी नियमो को ताक पर रखकर देश राज भाटिया मार्ग ,पहाड़ गंज ,गली नम्बर 3 और 4 में अवैध रूप से बिल्डर द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है ??? वो भी पहाड़ गंज थाने के ठीक सामने व् उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदर पहाड़ गंज ज़ोन से मात्र 200 मीटर की दूरी पर , जिस रास्ते से सदर पहाड़ गंज ज़ोन के आला अधिकारी हर रोज़ गुजरते है , लेकिन मेन रोड के साथ ही बन रहे इन अवैध निर्माणों पर इनकी नज़र तक नहीं जाती या फिर शायद बन रहे इन अवैध निर्माणों को देखकर भी अनदेखा कर देते है ? यानि बिल्डरों से सेटिंग पक्के तौर पर है ? साथ ही इनकी तानाशाही का एक और उद्धारण ये भी है की पहाड़ गंज के मुल्तानी ढांडा, जहा एक ही स्थान पर अवैध रूप से बन रहे अवैध निर्माण को पूरी तरह से तोड़ दिया गया और वही उसी भवन के पास ही बन रहे कई अवैध निर्माणों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी और वो भवन बनकर भी तैयार ? कैसे ? तो साफ़ है जिसने दिए पैसे उसका भवन बनकर तैयार और जिसने की आनाकानी उसकी आई शामत ? आखिर सरकारी पावर जो है बिल्डिंग डिपार्टमेंट के कर्मियों की ? करो मनमानी ?
इस मामले में हमने अभी कुछ दिन पहले भी अवैध निर्माण को लेकर खबर प्रकाशित की थी , लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों पर कोई असर नहीं ? आखिरकार इन सबकी आँखो पर चाँदी का चश्मा जो चढ़ा हुआ है। इस मामले में जब एस पी जोन में चल रहे अवैध निर्माण की सूचना सदर पहाड़ गंज ज़ोन के डिप्टी कमिश्नर आर एस मीणा और बिल्डिंग डिपार्टमेंट के सहायक अभियंता एस आर मीणा एवम कनिष्ट अभियंता अभिशेख को भी दी गई तो उनका जवाब था की कही कोई अवैध निर्माण नहीं चल रहा है और जहाँ चल रहा था उन पर कार्यवाही की जा चुकी है। ये भी एक बड़ा सवाल तो ये कार्यवाही कैसी, जहाँ अवैध रूप से भवन बनकर तैयार ?
अभी हाल ही में पहाड़ गंज के एक स्थानीय शिकायतकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी की सभी नियमों पर ताक पर रखकर पहाड़ गंज मैन बाज़ार व् आस पास में जमकर अवैध निर्माण लोगो की जान जोख़िम में डालकर किया जा रहा है। जिसमे लगभग 15 प्रॉपर्टीज का जिक्र किया गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश दिया की सभी अवैध निर्माण पर कानून के तहत कार्यवाही की जाये और कार्यवाही कर कोर्ट को बताया भी जाये की क्या कार्यवाही की गई ? बिल्डिंग डिपार्टमेंट एस पी ज़ोन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए केवल उन्ही प्रॉपर्टीज पर हथौड़े चलाये जिनका ज़िक्र जनहित याचिका में था। यहाँ तक की उन सभी प्रॉपर्टीज को सील भी कर दिया गया जिनका जिक्र जनहित याचिका में था। यानि केवल मैन बाज़ार पहाड़ गंज में जबकि मुल्तानी ढांडा मैन मार्किट व् नबी करीम में जो अवैध निर्माण हो रहा है उन पर कोई कार्यवाही DMC Act के तहत नहीं की गई । यहाँ पर अवैध रूप से बने भवन कुछ भवन बनकर तैयार भी हो चुके है और कुछ तैयार किया जा रहे है वो भी एस पी जोन को जीभ चिड़ाकर। और बिल्डर्स सरकारी राजस्व को चूना लगते हुए लोगो की जान जोखिम के डालकर जमकर अवैध निर्माण कर रहे है। तो क्या बिल्डिंग डिपार्टमेंट को यहाँ पर चल रहे अवैध निर्माण की जानकारी नहीं या फिर जानकार भी अनजान बना है बिल्डिंग डिपार्टमेंट सदर पहाड़ गंज जोन। तो क्या अवैध निर्माण पर कार्यवाही केवल कोर्ट के आदेश पर ? वो भी चुनी हुई प्रॉपर्टीज पर ?
बिल्डिंग डिपार्टमेंट सदर पहाड़ गंज जोन में बन रहे कई अवैध निर्माण की सूचना व् शिकायत लिखित रूप से उत्तरी नगर निगम के सतर्कता विभाग ( विजीलैंस डिपार्टमेंट ) और कमिश्नर उत्तरी नगर निगम को भी दी गयी लेकिन न तो उन शिकायतों पर कोई कार्यवाही हुई न ही उन शिकायतों का जवाब अब तक दिया गया। ये भी भ्रष्टाचार का एक बड़ा उद्धाहरण है ?
इस मामले में बिल्डिंग डिपार्टमेंट के ही एक कर्मचारी ने अपना नाम ना छापने की सूरत में बताया की भवन निर्माण विभाग से सम्बंधित सभी कर्मचारी व् अधिकारी नीचे से ऊपर तक सभी भ्रष्टाचार में लिप्त है। यानि सबसे पहले बेलदार का काम इलाके में चल रहे अवैध निर्माण पर नज़र रखना होता है फिर कनिष्ट अभियंता का काम सहायक अभियंता को अपने इलाके से अवैध निर्माण का पैसा सहायक अभियंता को पहुँचना होता है और फिर ऊपर और ऊपर ? ये चैन ऊपर तक बनी हुई है। भष्टाचार में सभी कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक लिप्त है यही वजह है अवैध निर्माण पर पूर्ण रूप से कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है लोगो की जान जाये तो जाये। फिर चाहे आप कही भी किसी की भी शिकायत क्यों न कर लो ?
वही पहाड़ गंज के ही एक स्थानीय निवासी का कहना था की मेरी प्रॉपर्टी को इसलिए तोडा गया की मैंने बिल्डिंग डिपार्टमेंट एस पी जोन को पर फ्लोर के हिसाब से रिश्वत के पैसे नहीं दिए जबकि वही आस पास कई अवैध रूप से बन रहे भवन बनकर भी तैयार हो गए। इनका कहना है, यानि मतलब साफ़ है जो बिल्डिंग डिपार्टमेंट को उनके मनमर्जी के हिसाब से पैसे दे देगा तो वो सभी नियमों कानून से बाहर और अपनी बिल्डिंग बना लेगा नहीं तो चल रहे निर्माण पर जमकर हथौड़े चलना ….पक्का है।
आखिर हम आपसे पूछना चाहते है क्या सदर पहाड़ गंज जोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट सभी कानून की हदों से बाहर है ? आखिर कब थमेगी इनकी मनमानी ? क्या सरकार इन पर कानून के तहत कोई विभागीय कार्यवाही कर भी सकती है या नहीं ? आखिर कानून सबके लिए बराबर क्यों नहीं ?????