केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने आज चांदनी चौक स्थित हरदयाल म्युनिसिपल पुस्तकालय के जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के उसका उद्घाटन किया।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, विजय गोयल, भाजपा के वरिष्ठ नेता, श्याम जाजू, दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका मिथलेश, पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन, पूर्व महापौर, अवतार सिंह, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष, छैल बिहारी गोस्वामी, पुस्तकालय प्रबंधन समिति की सचिव, रेखा सिन्हा, नेता सदन, योगेश वर्मा, पार्षद रवि कप्तान, सुनिता कौशिक व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस प्राचीन पुस्तकालय का महत्व इस रूप में भी देखा जा सकता है कि पुस्तक पठन पाठन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस प्राचीन पुस्तकालय ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यहाँ पर पुरानी से पुरानी प्राचीन और दुर्लभ पुस्तकें आज भी जीवंत रूप में रखी हुई हैं जिनका रसास्वादन पाठकों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरदयाल म्युनिसिपल पुस्तकालय के जीर्णोद्धार के बाद इस पुस्तकालय को एक नया रूप मिल गया है जो पठकों को अपनी और आकर्षित करेगा।
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने बताया कि हरदयाल म्युनिसिपल पुस्तकालय एक ऐतिहासिक पुस्तकालय है जिसमें प्राचीन और दुर्लभ पुस्तकें रखी हुई है जो ज्ञान का भंडार है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तकालय में कुल सवा लाख पुस्तकें है जिसमें 8000 दुर्लभ ग्रंथ और 350 हस्तलिखित पांडुलिपि शामिल है। उन्होंने बताया कि दुर्लभ पुस्तकों में से कुछ मुख्य पुस्तकें है:- 1.) विश्व का इतिहास (सन् 1677) इस पुस्तक में पूरे विश्व के नक्शे है, 2.) भागवत महापुराण (सन् 1800) हस्तलिखित, 3.) भृगु संहिता: इसमें सभी व्यक्तियों के भविष्य के बारे में सटीक जानकारी कुण्डलियों के अनुसार दी गई है। 4.) महाभारत: फारसी में लिखि गई है, अकबर के नौ रत्नों में से एक अबुल फजल द्वारा लिखि गई है। 5.) कुरान मजीद: (सन् 1928) कुरान को हिन्दी में लिखा गया है। 6.) प्रेम सागर: (सन् 1881) ब्रज भाषा में लिखी गई पहली पुस्तक है।
महापौर जय प्रकाश ने बताया कि हरदयाल म्युनिसिपल पुस्तकालय का ये भवन हेरिटेज भवनों में से एक है जिसका जीर्णोद्धार कार्य लगभग 104 साल बाद किया गया है। उन्होंने बताया कि जीर्णोद्धार कार्य को एक वर्ष में पूरा किया गया है। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय के जीर्णोद्धार कार्य पर लगभग 283.33 लाख रूपये का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि हरदयाल म्युनिसिपल पुस्तकालय में रखी दुर्लभ पुस्तकें का डिजिटलीकरण और संरक्षण कार्य इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र किया गया है। उन्होंने बताया कि इस एक मंजिला भवन में भूतल पर पाठन क्षेत्र, समाचार पाठन क्षेत्र, कंप्यूटर कक्ष, स्टाफ के बैठने के लिए स्थान और पुस्तके रखने के लिए जगह बनाई गई है और प्रथम तल पर पाठन क्षेत्र, कॉन्फ्रेंस रूम और पुस्तके रखने के लिए स्थान है। उन्होंने कहा कि पूरा लॉकडाउन खुलने और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार पुस्तकालय को पाठकों के लिए खोला जाएगा।