फर्जी डीलरों और कर की चोरी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए दिल्ली सरकार के व्यापार एवं कर विभाग ने व्यापक अभियान चला रखा है। व्यापार एवं कर विभाग के आयुक्त संजीव खिरवार ने बताया कि विभाग ने छापामार दस्ते बनाकर दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में कर की चोरी करने वाले व्यापारियों और फर्मों का पता लगाने और कार्रवाई करने के लिए भेजे। प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों को शामिल कर बनाई गई विभिन्न निरीक्षण टीमों नेे पूरे शहर में छापेमारी कर करचोरों और फर्जी डीलरों का पता लगाया।
खिरवार ने बताया कि विभाग कर की वसूली सुनिश्चित करने और धोखाधड़ी करने वाले व्यापारियों और कर चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 25 फर्जी डीलर जो वर्ष 2013-14 में 389.79 करोड़ का फर्जी कारोबार कर रहे थे, उनके पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिये गये हैं। साथ ही साथ इस हफ्ते उनके द्वारा दर्शाए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट 5.85 करोड़ रुपए को भी अस्वीकृत कर दिये गए है। आयुक्त ने ऐसे डीलरों की श्रृखंला का पता लगाने के लिए निर्देश दिए और दिल्ली वैट अधिनियम 2004 के प्रावधान के अनुसार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है।
खिरवार ने स्पष्ट किया कि धोखाधड़ी करने वाले व्यापारियों, फर्जी व्यापारियों, फर्जी फर्मों और करचोरों के विरूद्ध सरकार अपना अभियान जारी रखेगी और नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने आगे बताया कि व्यापारियों की सुविधा के लिए फार्म 9 यानी सीएसटी सुलह को आॅनलाइन किया गया है। डिजीटली हस्ताक्षरित पंजीकरण प्रमाण पत्र को आॅनलाइन भेजा गया है और फार्म टी2 आवेदन में रेल,हवा से माल प्राप्ति के मामले में ट्रक संख्या को अनिवार्य बनाया गया है।