वैसे तो दिल्ली पुलिस ,शांति सेवा ,न्याय के लिए जानी जाती है और किसी भी सहायता के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से 112 दिया गया है यानी किसी भी मुसीबत के समय आप पुलिस से 112 नंबर पर कॉल करके मदद की गुहार लगा सकते हैं। लेकिन कुछ पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी ऐसे भी है जो 112 नंबर पर कॉल करने पर आपके द्वारा मदद की मांग करने पर उल्टा आपके विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज कर देते है।**
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के पहाड़ गंज में थाना नबी करीम क्षेत्र के मुल्तानी ढांडा का सामने आया है। शिकायतकर्ता आशोक पुरी ने बताया कि वो मुल्तानी ढांडा में अपनी दुकान चलाते है और साथ ही उनके भाई भतीजे की दुकान भी है । दोनों का एक ही व्यवसाय होने के नाते मामूली कहासुनी हो गई । इसी दौरान उन्होंने पीसीआर कॉल 112 नंबर पर कर दी । मौके पर पहुँची पुलिस दोनों पक्षो को थाने ले गयी । जहाँ दोनों को एस एच ओ नबी करीम ने 107/151 का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया और अगले दिन स्पेशल एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट कमला मार्किट , मध्य जिला के समक्ष पेश कर दिया । जहाँ दोनों की जमानत हो गई। बात यही खत्म नही हुई । आगे शिकायतकर्ता अशोक पुरी ने बताया कि स्पेशल एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रीडर भूपिंदर ने इन्हें डराते हुए कहा कि अब आपको अगले 6 महीने तक कोर्ट में पेश होना पड़ेगा और अगर बार बार की पेशी से बचना चाहते हो एक ही बार सेटलमेंट कर लो और मुझे 5000/- रुपये दे दो और वकील के 2000/- रुपए ? आगे अशोक पुरी ने बताया कि एक तो थाना नबी में भतीजे से आपसी सहमति से समझौते के बाद भी एस एच ओ ने बिना मेडिकल के ही 107/151 का मामला दर्ज कर हवालात ने दे दिया और अब स्पेशल एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रीडर भूपिंदर ने मामले को रफा दफा करने के लिए 5000/- + 2000/ – रुपए ( 7000/- रुपए ) की रिश्वत की माँग की। परेशान होकर शिकायकर्ता अशोक पुरी ने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई में लिखित शिकायत दे दी । सीबीआई ने शिकायतकर्ता की पूरी बात सुनते हुए उपरोक्त शिकायत पर एक जाल बिछाकर मध्य जिला , कमला मार्किट में स्पेशल एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रीडर भूपिंदर को 25 मई 2022 को 5000/- के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया । इस मामले में सीबीआई ने आरोपी भूपिंदर और ज़ैनुल अबिदीन के विरुद्ध एफआईआर संख्या आर सी 0032022ए0031 दर्ज कर विभिन्न धाराओं में पी सी एक्ट 7 और आई पी सी की धारा 120बी के तहत मामला दर्ज किया है।
वही शिकायतकर्ता अशोक पुरी ने बताया कि इन्होंने 2015 में थाना नबी करीम में तैनात सब इंस्पेक्टर रवि शंकर के विरुद्ध भी बार बार परेशान करने की शिकायत आला अधिकारियों को दी थी । उसके बाद रवि शंकर पर विभागीय कार्यवाही भी हुई थी । उसी का बदला लेते हुए थाना नबी करीम की पुलिस मुझे बार बार परेशान करते हुए आये दिन झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी देती रहती है । जिसकी अब मैंने डीसीपी मध्य जिला की लिखित शिकायत देते हुए थाना नबी करीम के आरोपी पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच की मांग व उनपर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
इस पूरे प्रकरण को ध्यान में रखते हुए ये कहना गलत नही होगा कि कैसे पुलिस अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए आम जनता को झूठे मामलों में फसाकर परेशान करती है। ऐसे कई मामलों में नबी करीम की जनता थाना नबी की पुलिस से परेशान हैं। इलाके में आम जनता में पुलिस का डर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। क्या ऐसे ही पुलिस मित्र बनेगी। फिलहाल उपरोक्त सारा विषय जाँच का है। अब देखना ये है कि ऐसे में दिल्ली पुलिस के मुखिया राकेश अस्थाना आरोपित पुलिसकर्मियों पर क्या कार्यवाही करते है ???